2000 से ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स अटके...कब पूरा होगा 5 लाख फ्लैट बायर्स का अपने घर का सपना ?
Advertisement
trendingNow12385636

2000 से ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स अटके...कब पूरा होगा 5 लाख फ्लैट बायर्स का अपने घर का सपना ?

अपने घर का सपना हर किसी का होता है. बैंक का लोन, उधार और अपनी जमा पूंजी लेकर लोग घर खरीद लेते हैं, लेकिन बिल्डर और डेवलपर्स की गलतियों की वजह से घर खरीदारों का सपना बीच में ही टूट जाता है.

2000 से ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स अटके...कब पूरा होगा 5 लाख फ्लैट बायर्स का अपने घर का सपना ?

Housing project: अपने घर का सपना हर किसी का होता है. बैंक का लोन, उधार और अपनी जमा पूंजी लेकर लोग घर खरीद लेते हैं, लेकिन बिल्डर और डेवलपर्स की गलतियों की वजह से घर खरीदारों का सपना बीच में ही टूट जाता है. नोएडा-ग्रेटर नोए़डा में ऐसे बायर्स की लिस्ट बहुत लंबी है, जिन्होंने फ्लैट्स के लिए पैसे तो दे दिए, लेकिन घर की चाबी आज तक नहीं मिल सकती है. जानकर हैरानी होगी कि देशभर में 2000 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं, जो अधूरे है और अटक गए हैं. देशभर के 42 शहरों में  5.08 लाख बायर्स ऐसे हैं, जिनका फ्लैट ऐसे अधूरे प्रोजेक्ट में फंसा हुआ है.  

अधूरे प्रोजेक्ट में अटके फ्लैट्स  
 
डेटा एनालिटिक्स कंपनी प्रोपइक्विटी के अनुसार देशभर में 1981 हाउसिंग प्रोजेक्ट अटके हुए हैं.   डेवलपर्स की वित्तीय कुप्रबंधन और क्रियान्वयन क्षमताओं की कमी के चलते 1981 हाउसिंग प्रोजेक्ट रुकी हुई हैं. इन प्रोजेक्ट में करीब 5.08 लाख घर हैं, जो अटक गए है. इन रुकी हुई परियोजनाओं में से 1,636 परियोजनाएं 14 पहली श्रेणी के शहरों में हैं, जिनमें 4,31,946 यूनिट्स रुकी हैं. जबकि 345 परियोजनाएं 28 दूसरी श्रेणी वाले शहरों में हैं, जिनमें 76,256 इकाईयां हैं. 

क्यों अटक जाते हैं फ्लैट 

इसमें यह भी बताया गया कि रुकी हुई इकाइयों की संख्या बढ़कर 5,08,202 हो गई है, जो 2018 में 4,65,555 इकाई थी. प्रॉपइक्विटी  सीईओ समीर जसूजा ने कहा, कि रुकी हुई परियोजनाओं की समस्या और उसके बाद उनमें वृद्धि, डेवलपर्स की खामियों, काम पूरा करने की क्षमताओं की कमी, कैश फ्लो को लेकर मिस मैनेंजमेंट और नए भूखंड खरीदने या अन्य कर्ज चुकाने के लिए धन के उपयोग के कारण है.  

Trending news